Tuesday, October 7, 2025
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दुर्लभ हार्ट डिसॉर्डर से पीड़ित 7-वर्षीय इराकी बच्चे की फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला में हाइ-रिस्क कार्डियाक प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर, 2025: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने इंसेसेंट टैकीकार्डिया (यह लगातार, त्वरित हृदय गति संबंधी विकार है जो अपने आप ठीक नहीं होता और इसकी वजह से हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं और हार्ट फेल की शिकायत बढ़ जाती है) से पीड़ित 7-वर्षीय इराकी बच्चे पर जीवनघाती कार्डियाक प्रक्रिया इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी एवं रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह मेडिकल इंटरवेंशन का अपनी किस्म का दुर्लभ मामला है। डॉ अपर्णा जसवाल, डायरेक्टर – डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियाक पेसिंग एंड इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने डॉ अमितेश चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमें ऑफ कार्डियाक पेसिंग एंड इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी ने इस मामले की जटिलता के बावजूद इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।

यह मरीज हृदय में असामान्य सर्किट के साथ जन्मा था। जब इस बच्चे को इलाज के लिए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला लाया गया तो उसकी हृदय गति/धड़कन काफी असामान्य यानि 170-200 धड़कन प्रति मिनट थी। सामान्य हृदय गति 75-118 धड़कन प्रति मिनट होती है। इस बच्चे का जन्म केवल 26 किलो था और वह पिछले कई वर्षों से बीमार था, और इस मामले में बच्चे की उम्र और काफी कम वज़न को देखते हुए उनके देश में कोई भी अस्पताल इस मामले को लेने के लिए तैयार नहीं था। इराक में डॉक्टरों ने मरीज को दवाओं की खतरनाक खुराक पर रखा था जिसके चलते उसकी लाइफ क्वालिटी पर खराब असर पड़ रहा था और इस बीमारी से भी उसे कोई राहत नहीं मिल रही थी। इस संबंध में काफी विचार-विमर्श और परामर्श के बाद, मरीज के परिजनों ने उसे इलाज के लिए भारत लाने का फैसला किया ताकि सही उपचार किया जा सके।

डॉक्टरों ने इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी (यह एक प्रकार का डायग्नॉस्टिक टेस्ट है जो असामान्य हृदय गति का पता लगाने और उसका उपचार करने के लिए इलैक्ट्रिक सिस्टम का मूल्यांकन करता है) और रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (यह एक प्रकार की मेडिकल प्रक्रिया है जो अरथेमिया का कारण बनने वाले डिस्फंक्शनल हार्ट टिश्यू को नष्ट करने वाले ऑल्टरनेटिंग करंट से पैदा होने वाली हीट का उपयोग करने वाली मेडिकल प्रक्रिया है) करने का फैसला किया, जो कि 30 किलोग्राम से कम वजन के बच्चों में, रिस्क के चलते, काफी कम इस्तेमाल होता है। टीम ने छोटे आकार की हृदय की संरचनाओं और महीन धमनियों की सुरक्षा के लिए काफी सावधानी बरती। डॉक्टरों ने दो घंटे तक इलाज कर इस बच्चे के असामान्य इलैक्ट्रिकल मार्ग का सावधानीपूर्वक उपचार किया, जिससे उसके हृदय की सामान्य हृदय गति बहाल हो गई।

डॉ अपर्णा जसवाल, डायरेक्टर – डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियाक पेसिंग एंड इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ने कहा, “यह बेहद जटिल और दुर्लभ मामला था। आमतौर से, इस प्रकार की प्रक्रियाओं को तब तक रोका जाता है जब तक बच्चे का वज़न 30 किलोग्राम से अधिक नहीं हो जाता। लेकिन, इस मामले में मरीज की कंडीशन लगातार बिगड़ रही थी और अगर इलाज में देरी की जाती तो हार्ट फेल होने की आशंका बढ़ सकती थी। सही तरह के उपकरणों की मदद से प्लानिंग और एग्जीक्युशन से इस बच्चे को नया जीवनदान मिला। एक सप्ताह के भीतर ही बच्चे को नॉर्मल लाइफ में लौटता देखना सही मायने में हमारे लिए सुखद रहा है।”

डॉ अपर्णा ने कहा, “सुपरावेंट्रिक्युलर टैकीकार्डिया (एसवीटी), जो कि बच्चों में अरथेमिया का सबसे सामान्य प्रकार है, दुनियाभर में करीब 1,000 में से 1 बच्चे को प्रभावित करता है। इस मेडिकल प्रक्रिया के बाद बच्चे ने सही रिकवरी की है और कई सालों तक तकलीफ में रहने के बाद सामान्य गतिविधियां फिर शुरू कर दी है। कम वज़न वाले और अंडरवेट मरीजों में इस प्रकार के पिडियाट्रिक एब्लेशंस हृदय और धमनियों पहुंचने वाले नुकसान के रिस्क के चलते काफी दुर्लभ होते हैं। इस केस की सफलता फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञता और हाइ-रिस्क पिडियाट्रिक मामलों को हैंडल करने की तैयारियों को रेखांकित करता है।”

डॉ विक्रम अग्रवाल, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला ने कहा, “अपनी स्थापना के बाद से ही, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने एडवांस कार्डियाक सांइसेज़ के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है, और इसके इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में ही जटिल एरिथमिया की हजारों प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं। हॉस्पीटल का स्पेश्यलाइज़्ड पिडियाट्रिक इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी प्रोग्राम इसे भारत के उन गिने-चुने सेंटर में शामिल हैं जो छोटी से छोटी और सर्वाधिक हाइ-रिस्क मरीजों के लिए आवश्यकतानुसार सॉल्यूशंस प्रदान करते हैं। हर साल देश के अन्य भागों से और विदेशों से भी यहां मरीज आते हैं जो अपने देशों में एडवांस केयर एक्सेस नहीं कर पाते। ऐसे मरीजों का हमारे यहां सफल उपचार किया गया है। हमारी वैश्विक पहुंच और अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी तथा सुप्रशिक्षित कार्डियाक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट के मेल ने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट को जटिल हार्ट केयर के लिए उपयुक्त डेस्टिनेशन बनाया है।”

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