राष्ट्रवादी कांग्रेस NCP (शरद पवार गुट) में बीते दिनों लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक की लिस्ट जारी की गई जिसने मोहम्मद जावेद हबीब शेख़ जो की अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेशाध्यक्ष हैं उनको स्टार प्रचारक और मैनिफेस्टो कमिटी में जगह दी गई हैं, जावेद हबीब शेख़ मूल से नागपुर निवासी हैं और सन 2022 में उन्होंने शरद पवार और पार्टी का दामन छोड़ बीआरएस में प्रवेश कर के शरद पवार और उनकी पूरी पार्टी के माइनॉरिटी के विरोधी होने का आरोप लगाया था और तरह-तरह के इल्ज़ाम लगाकर पार्टी और नेताओं की बदनामी भी की थी.
लेकिन कुछ दिनों बाद ही बिना पार्टी में फिर से प्रवेश करें जावेद हबीब को अल्पसंख्यक विभाग का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया और आज विभिन्न ज़िम्मेदारियों से उनको लुभाया जा रहा हैं, इससे पार्टी में ईमानदारी से टीके हुए माइनॉरिटी के कार्यकर्ताओं में असमंजस का माहौल हैं.
सूत्रों के मुताबिक़ माइनॉरिटी पर लादे जा रहे इस नेता के कारण पार्टी के माइनॉरिटी के कैडर में जल्द और एक बड़ी बग़ावत देखने को मिल सकती हैं, नाम ना बताने के शर्त पर नागपुर में पार्टी के कुछ सूत्रों ने हमें ये भी बताया हैं कि जावेद हबीब शेख़ का नाम नागपुर में “जावेद भाई शेख़ प्लाट” वाले इस नाम से मशहूर हैं और उन्होंने कई प्लॉट की हेरा फेरी भी की हैं, नागपुर में माइनॉरिटी कम्युनिटी उनके नाम से दूर जाती हैं तो उनका वोटिंग और पार्टी को बढ़ाने ने क्या ही उपयोग होगा? ऐसी तीव्र भावना नागपुर के कार्यकर्ताओं में हैं और उनके पुत्र फ़ैसल जावेद हबीब शेख़ पर एक व्यक्ति को नक़ली नोट सप्लाई करने का आरोप भी लग चुका हैं और उसके ख़िलाफ़ बजाजनगर पोलिस स्टेशन में नक़ली नोट सप्लाई करने और सबूत मिटाने के लिए भादवि कलम 489(B),489(C),489(D),201,34 के तहत संगीन गुनाह दर्ज हैं.
अब ऐसे में जावेद हबीब शेख़ पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जी के काफ़ी क़रीब हैं सूत्रों का कहना हैं कि ऐसे लोगो का अनिल देशमुख जी जैसे सिद्धांतवादी नेताओं के क़रीब होना बहुत ही असमंजस में डालने वाली बात हैं, क्या वाक़ई में अनिल देशमुख जी को इस विषय में कोई जानकारी नहीं हैं ? और अगर हैं तो वो उचित जाँच कर ऐसे लोगो को ख़ुद से दूर करें क्योंकि ऐसे लोगो के कारण समाज के अनिल देशमुख जैसे सिद्धांतवादी नेताओं का नाम ख़राब हों रहा हैं आने वाले समय में सारी चीजे और स्पष्ट होगी.